the-secret-mind-over-matterImage Source: Internet

 

दोस्तों आज मैं आप को अवचेतन मन (subconscious mind) के कुछ महत्वपूर्ण रहस्यों के बारे में बताने जा रहा हूँ। आगे बढ़ने से पहले बस इतना जान लीजिए कि इस विश्व के सफलतम लोगों की इन अवचेतन मन के रहस्यों और शक्तियों पर पूरी पकड़ होती है।

डा० ए ० पी० जे ० कलाम  ने अपनी एक किताब में अपने बचपन की एक घटना का उल्लेख किया है। जो कुछ इस प्रकार है।

बचपन में कलाम और उनके एक चचेरे भाई समुद्र किनारे एक बड़े से पेड़ पर चढ़ गये। उस समय उन दोनों के पिता भी वहीं टहल रहे थे।  कुछ देर बाद अचानक तेज हवा बहने लगी और उसकी तीव्रता वक़्त के साथ बढ़ने लगी। इस से पहले कि कलाम और उनके चचेरे भाई कुछ कर पाते, हवा से पूरा पेड़ और और उसकी टहनियां जोर जोर से हिलने लगी। अब तो पेड़ झुकने और मुड़ने भी लगा था। हालांकि वो दोनों पेड़ की अलग अलग शाखा पर लटके थे।

ये सब देख उन दोनों के पिता वहां आ गए। पेड़ के टहनी के बहुत ज्यादा मुड़ने पर चचरे भाई के पिताजी चचेरे भाई पर चिल्ला उठे “ध्यान दो बेटा वरना तुम गिर जाओगे”।

इसी प्रकार कलाम के पिताजी भी कलाम पर चिल्ला उठे और बोले “कलाम बेटा टहनी को कस के पकड़ो और इस से चिपक जाओ’

कुछ सेकंड के बाद कलाम के भाई जमीन पर गिर गए मगर कलाम हवा के रुकने तक नही गिरे और सही सलामत घर चले  गए।

दोस्तों, आप सोच रहें होंगे कि ये कहानी से क्या सीखने को मिला। तो अब जरा पीछे जाइये और एक बार फिर ध्यान से देखिए कि उन दोनों दोनों के पिता ने अपने अपने बच्चों को आवाज देकर क्या कहा था? क्या कोई खास अंतर नजर आया? नही ?? कोई बात नही आगे पढ़िए।

दोस्तों मन (mind) की अपनी एक भाषा होती है। जिस तरह से हमारी अपनी भाषाएं हैं उसी प्रकार मन की भी अपनी एक भाषा होती है। हम जिंदगी में वही सब कुछ कर पाते हैं या बन पाते हैं जो हमारा मन सच्चाई के तौर पर अपना पता है। अगर आप इस भाषा को सीख जाएंगे तो जिंदगी आप की मुठी में होगी। और ये भाषाएं और इनकी समझ ही मन के असली रहस्य है।

चलिये कुछ रहस्य से पर्दा उठाते हैं।

1)मनुष्य का अवचेतन मन सिर्फ और सिर्फ उन चीजों को सोच पाता है जिनका वो चित्रण (imagine) भी कर पाए।

2) अवचेतन मन को “न” शब्द समझ में नही आता। क्योंकि इसका कोई चित्र या रूप नही होता।

3) अवचेतन मन के लिए वो सब सच होता है जो भी ये सोच पाता है और एक बार कुछ सोच लिया तो उसे किसी भी हालत में पूरा कर के रहता है चाहे फिर फिर आपके चेतन मन (conscious mind) की मर्जी हो या फिर नही।

4) अवचेतन मन का हमारी जिंदगी पर 90% राज होता है जबकि चेतन मन का मात्र 10%

इसे समझने की कोशिश करते हैं। नीचे लिखे वाक़्या पढ़ने के बाद आप अपनी आंखें 30-40 सेकंड के लिए बंद करिए और इस वाक्य का अपने मन में चित्रण करिए.

“किसी गुलाबी भैंस के बारे में मत सोचिये। और अब ये तो बिल्कुल भी मत सोचिये की वो गुलाबी भैंस हवा में उड़ रही है और आप उसकी पीठ पर बैठे के आस पास के नज़ारे देख रहें हैं “

क्या कुछ हुआ?? कहीं गुलाबी भैंस तो नही दिख रही थी?? और उड़ भी रही थी? अब ये मत कहियेगा की आप तो तो उसकी पीठ पर बैठ नज़ारे भी देख रहे थे।

हालांकि ऊपर लिखी कोई भी बात हकीकत नही है, चूंकि इसका चित्रण हो सकता है इसलिए मन ने कर दिया। मन ‘न” शव्द का चित्रण नही कर पाया इसलिए अपने आपको उड़ती हुई भैस को देखने से नही रोक पाया। ये ऐसा क्यों हुआ? आपका चेतन मन जानता है कि ये सच नही है और कह भी रहा था कि मैं उडती हुई गुलाबी भैस के ऊपर नहीं बैठूँगा मगर फिर भी अवचेतन मन में ये बेहूदा चित्रण पनप ही गया। ये इसलिए कि अवचेतन मन चेतन मन से ज्यादा ताकतवर होता है और इसे सही गलत या सच झूठ नही मालूम नही होता। ये तो बस दिए काम को करना जनता है। और जब कोई काम इसने हाथ मे ले लिया फिर तो इसे कर के ही रहता है। अगर आप ये सब चित्रण होने से रोकना चाहते हैं तो इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही तरीका है, बस ऐसा कुछ सोचो ही मत।

यही सब कुछ कलाम के भाई के साथ भी हुआ। जब कलाम के चाचा जी ने कहा “बेटा ध्यान दो वरना गिर जाओगे” इस पूरे वाकय में सिर्फ गिरने का ही चित्रण किया जा सकता था सो उनके मन ने कर भी दिया औए हकीकत में बदल भी दिया।

जबकि कलाम के पिताजी ने उनसे डाल को “कस के पकड़ने” के लिए कहा था सो कलाम के अवचेतन मन ने बिल्कुल वैसा ही किया, कस के पकड़ा और गिरने से बच गए। और कुछ ऐसा ही कुछ आपके मन के साथ भी हुआ और आप अपने आप को गुलाबी भैंस उड़ाने से नही रोक पाए और यहां तक उसकी पीठ पर बैठ कर उड़ने के आनद भी ले रहे थे।

दोस्तों यही बात आप के पुरे जीवन और उसमे होने वाली घटनाओं पर भी लागु होती है। कुछ लोगों का पूरा जीवन इस पहेली को सुलझाने में लग जाता है कि जो भी कुछ वो चाहते हैं उनके साथ बिलकुल उसका उल्ट क्यूँ हो जाता है? और अपनी पुरे जीवन बस यही सोचते रहते हैं कि भगवान् सिर्फ उनकी बात क्यूँ नही सुनता है. कुछ लोग सोचते हैं कि पिछले जन्म के किये पाप का ही फल है जो उनके साथ ये सब हो रहा है। अन्य कुछ सोचते हैं कि उनके ग्रह कुछ ठीक नही है। कुछ तो ये तक सोचने लग जाते हैं कि भगवान् ने ही उन की किस्मत ऐसी लिखी है.

दोस्तों बस यही जीने के राज है। हर रोज सिर्फ उन्हीं बातों को सोचिये जो आप पाना चाहते हैं या करना चाहते हैं। वो चीजे या बातें बिल्कुल मत सोचिये जो आप करना नही चाहते या पाना नही चाहते क्यों कि आपके मन को “न” शव्द समझ नही आता है। इसका मतलब ये हुआ कि सिर्फ और सिर्फ अच्छा सोचें। अगर आप बुरे को बुरा सोच कर भी सोच रहे हैं और चाह रहे हैं कि आप के साथ न हो तो भी ये होकर रहेगा। और ये सब आपके मन (अवचेतन मन) की वजह से होता है। अगर आप चाहते हैं  मैं स्वस्थ रहूं तो अपने आपको सिर्फ स्वस्थ परिकल्पित (imagine) कीजिए ये नही कि मुझे हार्ट अटैक न आ जाये या मैं बीमार न हो जाऊं इत्यादि। अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो सिर्फ खुशी के बारे में सोचिये। बस जो भी सोचना चाहते हैं उसे बिना “न” “नही”के सोचिये।

चेतन और अवचेतन मन के बारे में पूरी जानकारी इस लेख से परे है। अवचेतन मन को पूरा का पूरा एक लेख से न ही समझाया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है । मैं जानता हूं ये कोई आसान काम नही है मगर मुश्किल भी नही। इस के लिए आपको बस mind mastey सीखनी है। और मेरे इस पूरे blog का यही मकसद है। मेरी आने वाली post में मैं ये सारी महत्वपूर्ण ज्ञान पूर्ण जनकारियाँ आप तक पहुचाने के कोशिश करता रहूँगा।

डा० कलाम  की किताबें अगर आप ने पढ़ी होगी तो ये बात मालूम होगी कि वे अवचेतन  मन (subconcious mind) के बहुत अच्छे ज्ञाता थे। वे मन के रहस्यों के बारे में बहुत कुछ जानते थे। वे जानते थे कि मनुष्य का मन (अवचेतन मन) असीम शक्तियों से भरा पड़ा है। उन्होंने इन शक्तियों का इस्तेमाल कर अपने जीवन को महान बनाया है।

“The Happy Minds” की तरफ से एक दिवसीय और पांच दिवसीय mind power mastery कार्यशालाएँ (वर्कशॉप) समय समय पर करवाई जाती है। आप इसका लाभ ले सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए वेबसाइट www.justhappyminds.wordpress.com पर समय समय पर संपर्क करते करें। या फिर इस वेबसाइट के contact us में दिए details का इस्तेमाल करें।
अगर आपको ये ब्लॉग पसंद आया हो तो इसे लाइक करें, शेयर करे, कमेंट भी करें। मुझे आपके feedback का इंतजार है।

आपका दोस्त

मनोज शर्मा

नोट: मुझे आप सभी पाठकों को ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मेरे परम मित्र और PhD Scholar (National University, Taiwan) श्री रमन शर्मा जी ने हिंदी एडिटर के तौर पर इस webpage के लिए अपनी सेवाएं देने का निश्चय किया है। 

रमन शर्मा जी मैं अपनी और सभी पाठकों की तरफ से आपका तह दिल से अभिनंदन और धन्यवाद करता हूँ। 




visit : www.justhappyminds.wordpress.com for our english blog


Manoj Sharma

Writer, Trainer and Motivator

2 Comments

Anonymous · September 22, 2017 at 7:01 am

Man ki baat sach me janna mushkil hai

Nisha · August 17, 2017 at 8:34 pm

👍👍👍

Leave a Reply

Your email address will not be published.

%d bloggers like this: