ये पोस्ट में specially उन लोगों के लिए लिख रहा हूं जो sales से सम्बंध रखते हैं। मुझे लगता है कि sales जे जुड़े लोगों के बारे में उतना नहीं लिखा जाता है जितना वो deserve करते हैं।

मेरी ज़िंदगी में एक मोड़ ऐसा आया था जब मुझे महसूस हुआ कि मैंने न जाने क्यों वो एक कदम उठाया था और अपने ही उठाये कदम से घृणा होना शुरू हो गई थी।

दरअसल मैंने B Tech Biotechnology की पढ़ाई पूरी करने के बाद GATE की तैयारियां शुरू कर दी। Job के साथ-साथ पढ़ाई करने से मैं उतना खुश तो नही था पर comfortable जरूर था। मेरी तैयारियां जोरों पर थी और GATE exam के लिए मात्र 23 दिन बाकी थे।

तभी कुछ ऐसा हुआ कि मैंने अपने सारे future plans drop कर के दिल्ली जा कर MBA करने का प्लान बनाया।
MBA करना दूर-दूर तक मेरे किसी भी plan में fit पहले से नहीं था। मगर फिर भी मैंने किया। इसके पीछे का कारण अपने आप में एक कहानी है जिसे मैं आने वाली पोस्ट में आप से share करूँगा।

फिलहाल मैं दिल्ली के एक business school में था और मैंने marketing को अपना specialization चुना। ऐसा करना भी मेरी एक मजबूरी थी। दरअसल कोई भी अन्य specialized field में मैं किसी भी तरीक़े से eligible और capable नहीं था।
तो जैसा कि आप सब जानते हैं जो कहीं भी fit नही बैठता है वो sales और marketing में फिट हो जाता है। बस ऐसा ही कुछ हाल मेरा भी था।

शुरू के कुछ सप्ताह बहुत अच्छे गुजरे और मैं अपने college का Mr. Fresher खिताब भी जीत गया। मगर शुरू के उन कुछ सप्ताह के बाद मुझे अपने आप से नफरत होने लगी थी। Marketing 1st सेमेस्टर के सारे subject मुझे न तो अच्छे लगते थे न ही मुझे उन्हें पढ़ने में कोई interest महसूस होता था। सभी subject मुझे बड़े common और general से महसूस होते थे। मुझे ऐसा प्रतीत होता था जैसे मुझे किसी blue collar job के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके पीछे का कारण ये था कि मुझे difficult और technical subjects की आदत हो गयी थी। और साथ ही साथ मेरा मानना था कि दुनिया का सबसे अहम और core डिपार्टमें Research & Development (R&D) डिपार्टमेंट होता है जबकि बाकी के सारे डिपार्टमेंट्स R&D के लिए सपोर्ट का काम करते हैं।

दरअसल मैं जिस कंपनी के QC (quality control) डिपार्टमेंट में काम करता था वहां सबसे ज्यादा respect R&D team में कार्यरत लोगों को मिलती थी। वो लोग बिना किसी दबाव या target के कार्य करते थे। और मेरा मानना था कि इन लोगों की ही बदौलत है जो कंपनी इतने अच्छे प्रोडक्ट निजात कर पाती है । ये लोग मेरी नजर में सबसे ज्यादा intelligent और qualified होते थे। और तो और पुरो कंपनी के अंदर बस थोड़े से ही लोग होते थे जो R & D में काम करते थे।
चूंकि ये सभी लोग मेरी ही field से आगे चलकर आते थे इसलिए मैं जानता था कि कितनी मेहनत से वो लोग वहां तक पहुंच पाते थे। all in all मैं एक science student था और मेरी सोच बिल्कुल वैसी ही बन गयी थी।
मगर challange तब मिला जब मैंने MBA की पढ़ाई शुरू की। MBA subjects मेरी नजर में बिल्कुल मामूली थे। इसलिए में दिल से उन्हें स्वीकार नही कर पाया। हद तो तब हुई जब college में seniors से बात करके पता चला कि marketing के 99% pass out लोगों को पहले शुरुआत sales से ही करनी पड़ती है। फिर तो एक वक्त ऐसा भी आया जब “marketing” शब्द सुनते ही मेरे दिमाग मे एक छवि उभर आती जिस में पेंट कोट और टाई पहने एक व्यक्ति किसी दरवाजे को knock करके कह रहा हो “Sir/Madam I am …. From … Company and have got …. Product to meet your …. Need in a great way”.

बहरहाल मेरी मानसिक स्थिति अच्छी नही थी। मैं एक तरह की कुण्ठा में जी रहा था। और ये सब उस एक सोच की वजह से हो रहा था कि sales या marketing एक अच्छा profession नही है।
मुझे बार-बार ये पछतावा हो रहा था कि मैंने M Tech की जगज MBA करने का निश्चय बिल्कुल ही गलत किया। जबकि हकीकत ये थी कि sales & marketing से जुड़े profession की जो image मेरे मन में थी वो proper knowledge न होने के कारण अच्छी नही थी।

मगर कहते हैं कि जो भी होता है वो अच्छे के किये ही होता है।
फिर एक दिन किताब में लिखे एक paragraph ने मेरी जिंदगी बदल दी।

उसमे लिखा गया था कि:

“किसी भी संस्था, कंपनी या industry के लिए Sales department एक अहम, core एवं central department होता है और बाकी के सारे डिपार्टमेंट जैसे कि HR, Operations, R&D, Finance आदि supporting department होते हैं”।

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उत्पादों की सेल्स किसी भी कंपनी का ultimate goal होता है। क्योंकि यही एक तरीका है जहां से मुनाफा अर्जित किया जा सजता है। अगर सेल्स न हो बाकी के सारे डिपार्टमेंट भी survive भी कर सकते।

क्योंकि सारे के सारे departments पर कंपनी का पैसा खर्च होता है जबकि sales department इकलौता ऐसा department है जहाँ से पैसा कंपनी के पास आता है।

Sales ही इकलौता ऐसा रास्ता है जहां से कंपनी के पास पैसा आ सकता है इसलिए कंपनी सेल्स के ऊपर बहुत ज्यादा फोकस करती है। जिस भी कंपनी की सेल्स की टीम ज्यादा सक्षम होती है वो कंपनी उतना ही ज्यादा मुनाफा कमा पाती है।

ये समझते ही मेरा पूरा भ्रम टूट गया। मुझे लगता था किसी भी कंपनी या संस्था या देश का सबसे बड़ा और सबसे अहम डिपार्टमेंट R&D होता है, मगर ये तो एक झूठ था। और ये सब मैने सीखा कहाँ से था? बस कही सुनी बातों से। दुनिया के नजरिये ने ये सिखाया था कि अगर आप डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि job में हैं तो आप बहुत सम्मान जनक profession में है उसी तरह अगर आप sales में हैं एक डॉक्टर जितना सम्मान के हकदार नहीं है।
मगर ये सब सही नहीं था। कोई भी कंपनी तब तक पैसा कैसे कम सकती है जब तक उसके product को customer तक बेचने वाले न हों? तब तक कोई ग्राहक बहुत सारे product और विकल्प कैसे जान पायेगा और फायदा उठा पायेगा जब तक बहुत सारे बेचने वाले एक ग्राहक के पास न हो।
आप जरा ध्यान से सोचिये अगर हमारे पास कोई भी sales के लोग न होते तो क्या होता?

दोस्तों, अगर आप किसी भी तरीके से सेल्स से जुड़े हैं तो याद रखिये, दुनिया आप के बारे में जो भी कुछ सोचती है वो उनके अधूरे ज्ञान की वजह से है। हकीकत ये है कि कंपनी और ग्राहक दोनों ही आप के काम की वजह से फायदा उठा पाते हैं। इन दोनों में से कोई भी आप के contribution के बिना survive नही कर सकते। एक ओर जहां कंपनी के पैसा आने का इकलौता स्त्रोत आप है तो दूसरी ओर ग्राहकों को समझने, उनसे निपटने, उन्हें प्रोडक्ट की जानकारी देने का काम भी सेल्स के लोग करते हैं।

मैं जानता हूँ sales से जुड़े लोगों को उतनी इज्जत से नही देखा जाता जितना कि किसी और profession के लोगों को देखा जाता है।
मगर इतना जरूर याद रखिये कि एक परिवार में मुखिया अक्सर पिता ही होता है। परिवार में मौजूद सब के सब लोग अपनी हिस्सेदारी निभाते हैं मगर फिर भी सबसे ज्यादा उम्मीदें एक बाप से की जाती है। घर के हर सदस्य कि जरूरतें एक पिता पर आ के ही पूरी होती है। एक पिता शायद उतना अधिक समय रिश्तों को न भी दे पाएं मगर जरूरत कैसी भी हो किसी की भी हों, पूरी करने का ज्यादातर श्रेय पिता को ही जाता है।

उसी तरह sales से जुड़े लोग सिर्फ अपने परिवार को नही पालते हैं बल्कि अपने साथ-साथ कंपनी के हर उस कर्मचारी को पालते हैं जो उस कंपनी में काम करता है। यहां तक कि कंपनी के मालिक को भी। वो बेशक उस कंपनी का मालिक है मगर “बाप” तो सिर्फ आप हैं। आप ही के काम की वजह से कंपनी पैसा कमा पाती है। आप ही का काम ऐसा इकलौता ऐसा काम है जिस से कंपनी के account में पैसा आता है बाकी तो सारी जगह पैसा कंपनी से बाहर जाता है। और तो और उस कंपनी का मालिक का भी घर आज आप के ही contribution की बदौलत अच्छे से चल पाता है। sales के लोग विश्व की अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा वाहक है।

इसलिए मैं कहता हैं कि

आप पूरी कंपनी के ही नही बल्कि पूरे समाज, अर्थव्यवस्था और देश के भी “बाप” हैं। अपने काम पर फक्र करिये और अपने इस योगदान को तह दिल से दुनिया को देते चलिए। Be proud of yourself that you are into the profession of sales.

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और बाकी के वो लोग जो इस profession से संबंध नही रखते हैं उनसे बस इतना कहना चाहूंगा कि sales से जुड़े लोग विश्व अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है। पल भर के लिए थोड़ा सा सोच के देखें कि क्या sales के लोगों के बिना हमारी जिंदगी कैसी होगी? Sales से जुड़े लोगों की इज्जत करें और उन्हें भी सम्मान दें। Sales के लोग बहुत ज्यादा मेहनती होते हैं तथा हर वक़त् अपने target को chase करते रहते हैं। ये लोग बहुत courteous और empathetic होते हैं। इन से अजीब बर्ताव न करें।

ये लोग जरूरी नहीं कि बहुत ज्यादा पढ़े लिखें भी हो मगर एक चीज जो आप इन से हमेशा उम्मीद कर सकते हैं वो हैं आपके लिए सम्मान, दिल में उम्मीद और आंखों में सपने। कभी भी कहीं भी आपकी भेंट या बात इन से हों तो प्यार से बात करें। जरूरी नही की इनकी पेशकश को आप स्वीकारें या खरीदें मगर फिर भी एक चीज है जो आप इन्हें दे सकते है। और वो है सम्मान।

आपका दोस्त

मनोज शर्मा


Manoj Sharma

Writer, Trainer and Motivator

1 Comment

Anonymous · September 26, 2017 at 7:41 pm

👍👍👍

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