ये बात मई 2015 की है, मुझे एक कंपनी  में सेल्स प्रतिनिधियों (sales) के  50 लोगों के समूह को एक दिन की कार्यशाला  के लिए बुलाया गया। मुझे उस दिन का एक ख़ास पल मुझे आज भी याद है वो इसलिए नही कि उस दिन मेरे द्वारा पूछे गये एक प्रश्न  का एक बड़ा ही मजाकिया उतर दिया गया था बल्कि इसलिए कि उस दिन मैं अपने बारे मैं और अपने मन के भीतर झाँकने के लिए मजबूर हो गया था।

 

post

दरअसल उस दिन   दोपहर बाद के दुसरे सत्र  का विषय था कि हम लोग आत्मविश्वास कैसे प्राप्त कर सकते हैं ? या फिर आत्मविश्वास कैसे बढ़ाया जा सकता है? प्रश्नोतर के बीच एक प्रतिभागी  ने अपना सिर झुकाया और  जोर से बोला ” सर आत्मविश्वास तो केवल ठेके (शराब की दुकान) में मिलता है जी”। ये शब्द सुनते ही सारे के सारे लोग जोर – जोर से हंसने लगे, और सभी लोगों ने इस उत्तर के साथ हामी भर दी।

ख़ैर मैंने उस प्रशिक्षण  को पूरा किया और वापिस अपने होटल के कमरे में चला गया। कमरे में मुझे वो बातें बार-बार याद आ रही थी  और मैं अकेले ही मंद मंद मुस्कुरा रहा था। मेरे सोने का समय आ गया । सोने से पहले कुछ न कुछ लिखना या पढना मेरी आदत है। और उस दिन मैंने अपने पुरे दिन का विश्लेषण करने का विचार बनाया मगर न जाने क्यूँ मेरे दिमाग़  में बार बार वो दिन की बात याद आ रही थी। उस बात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। कुछ समय बाद मेरा दिमाग़  बहुत से प्रश्नों  और विचारों से भर गया। इस में से कुछ विचार निम्न थे:

मैं जनता था की वो बात सिर्फ एक मजाक था, मगर ये सब अगर सच में मजाक था तो फिर क्यूँ सभी लोग इस बात को मान गए कि शराब पिने से लोग थोड़ा विश्वस्त  महसूस करते हैं?

जब तक कोई  नशे में होते हैं तब तक उसमें उन सारे कार्यों को करने या फिर किसी निर्णय लेने की हिम्मत आ जाती है जो की अन्यथा उस के पास नही होती? 

अब मन में उठने वाले विचार केवल हिम्मत या फिर आत्मविश्वास तक सीमित  नही थे बल्कि ये विचार दुःख सुख तक पहुँच गए थे।

आखिर ऐसा क्यूँ है कि थोडा पी लेने के बाद कोई व्यक्ति ख़ुशी और प्यार को और गहराई तक महसूस करता है , या फिर अपने गम या दुःख व  चिंता की स्थिति  को कुछ समय के लिए भुला कर थोड़ा आराम  महसूस करता है?

वाह! कितना अच्छा होता कि लोगों के मन की ये शक्तिशाली स्थिति हमेशा स्थिर बनी रहती. वो भी बिना किसी बुरी चीज की आदत के।

चूँकि हर व्यक्ति को स्थाई ख़ुशी, उमंग या शांति की चाहत होती है तो क्या इस दुनिया में ऐसा कोई तरीका है जिस से आम जीवन व्यतीत करते हुए भी ये सब प्राप्त हो जाये? अगर ऐसा कुछ है तो कहाँ है? ये उस रात को मेरे मन में उठने वाले कुछ प्रशन थे। जिनका उत्तर ढूंढने में मुझे काफी वक्त लग गया. यही मेरी अपने भीतर के सफ़र की  शुरुआत थी।

दोस्तों, थोड़ी देर के लिए अपने मन को थोडा सा आराम देकर इन सभी प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश कीजिए ।  मेरा मानना है कि अगर आप कोई मनोचिकित्सक  या मनोवैज्ञानिक नही है तो ऊपर प्रश्नों का उत्तर मिलना थोड़ा  मुश्किल हो सकता है।  मैं आपको विश्वास दिलाता हुईं कि इन आप अपने मन की असीम शक्तियों को प्राप्त कर मन की मनचाही स्थाई अवस्था को प्राप्त कर सकते है बिना मनोचिकित्सक और बिना मादक पदार्थों के सेवन से। मैं ये सब इतने विश्वास से कैसे कह रहा हूँ? क्योंकि  पिछले २७ महीनों से  मैं इस सफ़र पर निकला हूँ और आप लोगों से अपने अनुभव बिलकुल उसी तरह से महसूस करवाने की कोशिश करूँगा जैसा के मैंने इसे महसूस  किया।

आप चाहे एक विद्दयार्थी है, या एक गृहणी, अथवा एक कारोबारी, कोई महिला या पुरुष, आप नौकरी करते हो चाहे खेल प्रेमी हो या चाहे फिर नेता, या फिर और किसी भी क्षेत्र से सम्बन्ध रखते है, ये विचार मंच (ब्लॉग)  आप को अपनी मानसिक स्थिति तथा जिन्दगी को मन मुताबिक जीने के योग्य बनाने में मदद करेगा। ये ब्लॉग  आप को जिन्दगी की सही ख़ुशी और उमंग प्राप्त करने में सहायक रहेगा।

जिस वक़्त मैंने ये सफ़र शुरू किया उस वक़्त मैं एक marketeer तथा sales trainer था। उसी रात से मेरा सफ़र की शुरुआत हुई. शुरुआत बहुत धीरे थी मगर निरंतर थी।  मैंने सीखा है कि सफ़र को पूरा करने में रफ़्तार से ज्यादा निरंतरता मायने रखती है. इसलिए आइये इस सफ़र को शुरू करें और निरंतरता बनाये रखें।

मैं अपनी आज की पोस्ट  को यहीं समाप्त करना चाहता हूँ, और साथ ही मैं आपको दो मजेदार तथ्यों के साथ छोड़ जाना चाहता हूँ।

पहला : शराब को “spirits” भी कहते हैं. जिसका मतलब हिंदी में  “रूह” या आत्मा होता है। इसके पीछे कुछ  कारण है जो मैं आप को अगली पोस्ट  में साझा  करूँगा।

दूसरा : मनुष्य का मन हमेशा हर तरह के अनसुलझे प्रश्नों के उत्तर के लिए तरसता रहता है।बिलकुल वैसे जैसे कि किसी पहेली के रहस्य के लिए. जैसा कि अभी अभी ऊपर दिए हुए प्रशन का उत्तर पाने के लिए आपका मन लालायित है। दोस्तों, मन की ये स्थिति ही जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए सबसे उत्तम स्थिति मानी जाती है। अपने मन की इस भूख या प्यास को हमेशा बनाये रखें।  दुनिया के  सफलतम लोग अपने मन की इस स्थिति को हमेशा जिन्दा रखते है और महान बन जाते हैं। अगर आज के लेख का मकसद  देखा जाये तो वो सिर्फ ये दूसरा तथ्य से ही जुड़ा है. मै इस लेख को आगे के लेखन  में जारी रखूँगा। फिलहाल तब तक बस इतना जान लीजिये की हर व्यक्ति कि सच्ची खुशियों कि दुकान  सिर्फ उस के मन में है या फिर यूँ कहिये कि उस के मन की एक शक्तिशाली स्थिति है । इस लेखन  का मकसद आपको आपके मन की वो स्थिति प्राप्त करवाना है।

मेरी आप से गुजारिश है अपने मन में  इस स्थिति को पैदा करें और जिन्दगी भर बना  कर रखें। अगर ये लेख  आपको अच्छा लगा   तो इस इस लेखन पृष्ठ (ब्लॉग पेज )  पर आते रहें और इस इस लेखन पृष्ठ ब्लॉग पेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचने में हमारी मदद करें।

 

आपका दोस्त                                                                                                                                  मनोज शर्मा

For English webpage please visit: www.justhappyminds.wordpress.com


Manoj Sharma

Writer, Trainer and Motivator

8 Comments

Sanjeev kumar · January 19, 2019 at 7:40 am

Osm

Unique rajput · August 23, 2017 at 12:32 am

Great boss

Anonymous · August 23, 2017 at 12:31 am

Great boss

Yashpal Sharma · August 16, 2017 at 4:05 pm

Awesome, jabardast

Nisha · August 15, 2017 at 4:54 pm

👍👍👍

Pawan sharma · August 15, 2017 at 4:54 pm

Nice big bro

    Manoj Sharma · August 15, 2017 at 5:17 pm

    Thanks pawan and nisha ,

      Anonymous · August 15, 2017 at 5:57 pm

      Good sir

Leave a Reply

Your email address will not be published.

%d bloggers like this: