कितनी ही बार आप ने सुना होगा “हमेशा अपने दिल की सुनो”। इतनी बार कि एक तरफ तो ये बेमतलब सा प्रतीत होना शुरू हो गया और साथ ही साथ चलन से बाहर हुआ मुहावरा भी लगता है।

न जाने क्यों जीवन शैली में इंसानी भावनाओं को अब तबज्जो नही दिया जाता है। अपनी भावनाओं (feelings) को कमजोर आँकना आज लोगों की एक आदत सी हो गयी है।

जहाँ पहले लोग इस बात पर ज्यादा जोर देते थे कि “अपने दिल की सुनो“, अब इस बात पर अधिकतर जोर दिया जाने लगा है कि “दिमाग से काम लो“।

आप कहीं भी चले जाएं तो बातों को इस तरीक़े से पेश किया जाता है कि लोग ये मान जाएं कि भावनाएँ इंसान को कमजोर बना देती है। मगर ये सच नहीं है। भावनाएँ इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती हैं। अब इसे विज्ञान भी साबित कर चुका है।

पिछले 3-4 दशकों में वैज्ञानिकों ने कई ऐसी खोज और शोध किये हैं जो इस ओर इशारा करते हैं कि एक सम्पूर्ण और खुशहाल जीवन जीने के लिए आप को अपने दिल की बात सुननी चाहिए। इसी बात पर जोर देते और हकीकत को सामने रखते कुछ वैज्ञानिक तथ्यों को आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ।

  • दिल- एक छोटा दिमाग है

कुछ शोधकर्ता दिल को इंसान का छोटा दिमाग भी मानते हैं। इसके पीछे का कारण है कि 40000 छोटी बड़ी स्नायू कोशिकाएं (Neurons) दिमाग से दिल में जुड़ी होती है और बहुत सारी information दिल से सीधा दिमाग को भेजती है।

  • दिल, दिमाग और शरीर से सीधी बात करता है:

ये भी अपने आप मे एक बहुत मत्वपूर्ण तथ्य है। बातचीत के लिए दिल निम्न रास्ते इख्तियार करता है:-

  1. दिल अपने आप मे hormones पैदा करता है
  2. दिल neurons के माध्यम से पूरे शरीर से जुड़ा होता है।
  3. दिल blood pressure के माध्यम से biochemical information भेजता है
  4. ताकतवर magnetic और electrical ऊर्जा के रूप में
  • हर रोज जितनी information दिमाग से दिल मे जाती है उस से कहीं ज्यादा दिल से दिमाग मे जाती है।

शोध में ये भी पाया गया है दिल मे मौजूद neurons बिना दिमाग के बातें सीखती है, निर्णय ले सकती है और information को store भी कर सकती है।

  • दिल, दिमाग से कहीं ज्यादा electric activity दिखाता है

दिल दिमाग से 60 गुणा ज्यादा amplitude की electric feild पैदा करता है और 5000 गुणा ज्यादा magnetic feild पैदा करता है।

  • दिल जबरदस्त ताक़तवाली electromagnetic field पैदा करता है

इतनी strong की इसे ऐड़ी या कलाई पर तो नापा ही जा सकता है बल्कि शरीर से कई फ़ीट की दूरी तक भी नापा जा सकता है।

  • एक इंसान के दिल की activity, दूसरे इंसान के brain wave में नापी जा सकती है

कोई भी दो इंसानो की electromagnetic field, जो एक दूसरे से कुछ फ़ीट के दायरे में मौजूद हों, आपस मे इस तरह से एक दूसरे को प्रभावित करती हैं कि एक के दिल मे चल रही electromagnetic एक्टिविटी दूसरे के दिमाग मे भी नापी जा सकती है।

  • दिल और दिमाग में होने वाली electrical activities को आपस मे synchronise किया जा सकता है।

ऐसा करने के लिए मात्र एक इंसान को अपने विचार प्यार भरी भावनाओं के ऊपर केंद्रित करने होते है और इसके अहसास में अपने दिल को डुबो देना होता है। इस synchronization को आसानी से नापा भी जा सकता है। इस स्थिती को “state of organ coherence” कहा जाता है और ये इंसान के सबसे उच्चतम आत्मिक स्थिति से संबंधित होता है।

तो दोस्तों, अब आप समझ ही गये होंगे कि आपका दिल मात्र एक blood pumping machine नही है बल्कि आपको प्रकृति का दिया एक अद्भुत तोहफा है जिसमे आप को सबसे सही दिशा निर्देश देने की शक्ति है। अपने दिल को सुनें। इसकी हर बात पर गौर करें।

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Manoj Sharma

Writer, Trainer and Motivator

8 Comments

Anonymous · November 7, 2017 at 1:01 pm

Nice information

Pankaj · October 11, 2017 at 12:33 pm

Awesome

Yashpal Sharma · October 11, 2017 at 9:55 am

👌👌👋👏

Anonymous · October 10, 2017 at 6:41 pm

Superrr

Aman · October 10, 2017 at 12:38 pm

Grt information

kiran · October 10, 2017 at 11:14 am

Best

Jyoti Sharma · October 10, 2017 at 10:31 am

Very nice

Anonymous · October 10, 2017 at 8:30 am

Really very nice information

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